६ दिसम्बर से इंदौर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित अग्रसेन धाम (फूटी कोठी) में एक सप्ताह का २२ वां गीता जयंती समारोह का शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत पूज्य गुरूजी स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी ने, स्वामिनी अमितानंदजी तथा वहाँ के ट्रस्टीगणों ने दीप प्रज्ज्वलन से किया। उसके बाद पूज्य गुरजी का स्वागत तथा व्यास पीठ की पूजा की गई।
पूज्य गुरूजी के प्रवचन से इस समारोह की प्रवचन श्रृंखला का आरम्भ हुआ।
पूज्य गुरूजी ने बताया की महाभारत के युद्ध के पूर्व जहाँ अर्जुनके सामने जब दो विकल्प आएं कि एक और नारायणी सेना और दूसरी और स्वयं नारायण थे। अर्जुनने नि:शस्त्र होते हुए भी नारायण को ही चुना और उनके हाथ में अपने रथकी लगाम सौंप दी। यह अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय सिद्ध हुआ। अर्जुनरथ का यह चित्र हमारे ही जीवनका प्रतीक है। हमारा जीवन एक यात्रा है, जिसमें शरीर एक रथ है और हम उनके स्वामी। इस रथ के इन्द्रियाँ रूपी घोडें है तथा सारथि हमारी बुद्धि है। जिस रथ का सारथि विवेकी होता है, उसका रथ कभी भी नहीं भटकता है। यदि अपने हृदय में इस चित्र को बिठा ले, और अपने रथ की लगाम पूरी शरणागति के साथ भगवान के हाथों में सौंप दें, तो जीवन में अवश्य कल्याण होता है। इस चित्र को हृदय में बिठाने का तात्पर्य भगवान द्वारा दिए हुए विवेकसे युक्त होकर जीवन जीना। यही धर्म है, और जहां धर्म होता है वहां निश्चित रूपसे विजय होती है।
अंत में पूज्य गुरुजीने इस समारोह के समस्त आयोजकों को तथा समस्त भक्तों को आगे के सफल कार्यक्रम के लिए शुभाशीष प्रदान कियें।
अहमदाबाद के मणिनगर विस्तार में स्थित रामकृष्ण सेवा केंद्र में पू. स्वामिनी अमितानंदजी के गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। इस यज्ञ में पू. स्वामिनीजी ने सायं के सत्र में गीता के १५ वें अध्याय पुरुषोत्तम योग पर तथा प्रात: के सत्र में पंचदशी के नाटकदीप प्रकरण पर प्रवचन किएं।
यज्ञ का श्रीगणेश रामकृष्ण सेवा समिति के ट्रस्टी श्री अशोकभाई शाह तथा योगाचार्य सु. श्री. हेतलबेन मोदी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा व्यासपीठ की पूजा से हुआ।
यज्ञ के एक दिन पूज्य स्वामिनीजी ने रामकृष्ण सेवा समिति द्वारा संचालित योगासन की कक्षा में योग और समग्र जीवन विषय पर चर्चा की। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए भी बच्चें को अच्छे संस्कारों का सिंचन हेतु Pre Natal Education का महत्व बताया।
हनुमान चालीसा का इस माह का सत्संग दिनांक २०/१० को वेदांत आश्रम, इंदौर में सायंकाल ६.३० बजे से प्रारम्भ हुआ। इसमें सर्व प्रथम रामायण मंडली द्वारा सुन्दर भजन प्रस्तुत करे गए, और फिर सबने हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया। तदुपरांत पूज्य गुरूजी श्री स्वामी आत्मानंद जी द्वारा ३५ वीं और ३६ वी चौपाइयों पर प्रवचन हुए। अंत में सबने हनुमानजी की आरती करी और प्रसाद वितरण हुआ।
वेदान्त मिशन, लखनऊ द्वारा पू. स्वामिनी अमितानंदजी के गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन लखनऊ के लालबाग में स्थित हरि ॐ मंदिर में किया गया। इस यज्ञ में पू. स्वामिनीजी ने सायं के सत्र में गीता के १२ वें अध्याय पर तथा प्रात: के सत्र में केनोपनिषद ३ - ४ खण्ड पर प्रवचन किए।
यज्ञ के अंतिम दिन हरि ॐ मंदिर द्वारा भण्डारे का आयोजन किया गया।
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